जाने सभी प्रकार की Switching Methods हिंदी में-जाने सभी प्रकार की Switching Methods हिंदी में Types Of Switching Methods In Hindi, Circuit ,Packet ,Message Switching Methods In Hindi.
Switching Methods In Hindi
जाने सभी प्रकार की Switching Methods हिंदी में :- हेल्लो Engineers कैसे हो , उम्मीद है आप ठीक होगे और पढाई तो चंगा होगा आज जो शेयर करने वाले वो Visual Basic के Switching In Hindi के बारे में हैं |
तो यदि आप जानना चाहते हैं की Switching के बारे में तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ सकते हैं , और अगर समझ आ जाये तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं |
Switching Technique In Hindi
नेटवर्क से जुड़े सभी कंप्यूटर उपलब्ध संचार माध्यमों (Media of communication) का साझा उपयोग करते हैं | इसके लिए स्विचिंग तकनीक का प्रयोग किया जाता है स्विचिंग के लिए तीन प्रकार के तकनीकों का प्रयोग किया जाता हैं |
Types Of Switching In Networking In Hindi
- Circuit Switching
- Message Switching
- Packet Switching
1. Circuit Switching In Hindi
इस तकनीकी में डेटा स्थानांतरण से पहले उपयोगकर्ताओं के बीच सीधे संपर्क स्थापित किया जाता हैं | डेटा स्थानांतरण समाप्त होने तक संचार माध्यम दोनों उपयोगकर्ताओं द्वारा उपयोगकर्ताओं द्वारा व्यस्त रहता है , तथा इसका उपयोग किसी अन्य के द्वारा नहीं किया जा सकता | इसे point-to-point
कम्युनिकेशन कहते हैं टेलीफोन पर बातचीत सर्किट स्विचिंग का उदाहरण है |
2.Message Switching In Hindi
इसमें Store And Forward तकनीक का प्रयोग किया जाता है | किसी कंप्यूटर द्वारा भेजा गया संदेश नेटवर्क नोड (Node ) में स्टोर कर लिया जाता है| जब भी संचार माध्यम खाली होता है, संदेश को अगले नोड तक पहुंचा दिया जाता है जिस प्रकार डाटा उपयोगकर्ता तक पहुंचता है | इसमें डाटा स्थानांतरण में देरी होने की संभावना रहती हैं, पर डाटा स्थानांतरण से पहले उपयोगकर्ता के बीच सीधा संपर्क स्थापित करने की आवश्यकता नहीं रहती |
3.Packet Switching In Hindi
पैकेट स्विचिंग भी स्टोर एंड फॉरवार्ड (Store And Forward ) तकनीक पर आधारित है, पर इसमें पूरी सूचना को एक साथ नहीं भेजा जाता | सुचनाएवं डाटा को निश्चित आकार के छोटे-छोटे पैकेट में बांटा जाता है | इसलिए प्रत्येक पैकेट के साथ भेजने और पाने वाले का पता (Address ) पैकैट का नंबर तथा आकार (Size) आदि सूचना जोड़ी जाती है | इन पैकेट्स को उपलब्ध संचार माध्यमों में से किसी एक या अधिक माध्यम द्वारा उपयोगकर्ता तक पहुंचाया जाता है | क्योंकि डाटा पैकेट्स अलग-अलग माध्यमों द्वारा भेजा जा सकता है, संभव है कि यह अलग-अलग समय पर प्राप्तकर्ता तक पहुंचे | अतः प्राप्तकर्ता इन पैकेट्स को पैकेट नंबर के अनुसार एकत्रित कर पूरी सूचना में बदलता है |
इन व्यवस्था में संचार माध्यम किसी उपयोगकर्ता के लिए व्यस्त नहीं होता तथा सबके लिए सदा उपलब्ध होता है | इंटरनेट में मुख्यतः पैकेट स्विचिंग तकनीक का ही प्रयोग किया जाता है |
निवेदन:- दोस्तों यही थे post , क्या आपको समझ आया यदि आपको समझ आया होगा तो अपने दोस्तों को शेयर जरुर करे….