Joint Stock Company In Hindi-जाने क्या हैं Joint Stock Company हिन्दी में

Joint Stock Company In Hindi
4.4/5 - (45 votes)

Joint Stock Company In Hindi  –  हेल्लो Engineers कैसे हो , उम्मीद है आप ठीक होगे और पढाई तो चंगा होगा आज जो शेयर करने वाले वो Entrepreneurship  के Joint Stock Company  के बारे में हैं, तो यदि आप जानना चाहते हैं की Joint Stock Company In Hindi क्या हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ सकते हैं , और अगर समझ आ जाये तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं |

Joint Stock Company In Hindi

Joint Stock Company In Hindi
Joint Stock Company In Hindi

Joint Stock Company In Hindi

ऐसी  Business या organization जिसको बहुत सारे लोगों ने मिल कर Form करते हैं , तो वो एक Company कहलाती है | और उसका एक legal Status होता हैं, जब वो Company registered हो जाती है | और इसमें दोनों की अपनी अपनी Identity होती हैं, Company की अलग और उसके Person की अलग और इस Company का भी Goal Profit कमाना और उस profit को share करना होता हैं | और ये एक Legal Authorized Form है  | इसमें members अपने – अपने अनुसार Stock Purchase करतें हैं , जिसको वो कभी भी बेच या खरीद सकतें हैं |

Joint Stock Company In Hindi

Feature Of Joint Stock Company

1) Artificial Person :-

ये Company एक Normal Person की तरह Court में केस कर सकती है , Contest  Sign  कर सकती है , किसी के ऊपर केस कर सकती है कोई इनके ऊपर केस कर सकता है , Normal Person की तरह खुद के नाम पर प्रॉपर्टी ले सकते हैं वह सारे काम कर सकती है |

2 )Separate legal Entity :-

इसका मतलब ये है की Company और Members की  Identity  बिल्कुल अलग अलग है ,कंपनी अपने नाम पर सारे Decisions  ले सकती है किसे Contest  में enter  कर सकती है, सब  काम कर सकती है | अगर कोई भी legal formalities होती है तो अगर Company में case होती हैं तो इसका मतलब नहीं हैं की उनके members के ऊपर भी case हुआ हैं | या अगर members में case होती हैं तो इसका मतलब नहीं हैं की उनके Company  के ऊपर भी case हुआ हैं | इसका मतलब ये है की दोनों का Separate Legal Entity है  |  sole proprietor में अगर Company पर case होती हैं तो इसका मतलब  हैं की उसके Owner   के ऊपर भी case हुआ हैं |

3 ) Formation :-

इस Company  को start करना बोहोत मुश्किल हैं | sole proprietor और partnership को startup देना easy है अगर हम Joint Stock Company से तुलना करें , इसमें बोहोत सारे legal Documents की जरुरत पड़ती हैं | और Company का Certificate भी लेना होता हैं , जिसको लेने का Procedure मुश्किल हैं | Overall ये सभी Process costly होता हैं |

4 ) Perpetual Succession :-

कंपनी कभी खत्म नहीं होती किसी के आने या जाने से अगर कोई चले जाता है या किसी की Death  हो जाती है ,कोई पागल हो जाता है , किसी भी वजह से कंपनी बंद नहीं होते ये लंबे समय तक चलती है |

5 ) Control :-

Company का सारा कंट्रोल B.O.D (Board Of Director)  के पास रहता है जैसे कि Partnership में सारे Members का Equal Right होता है इसी तरह Joint Stock Company का सारा Control B.O.D (Board Of Director)  के पास रहता है  |

6 )Liability  :-

इसका मतलब यह हैं की अगर Company को loss होता है तब सभी मेंबरशिप को  उतना ही Amount  Pay  करना पड़ेगा जितने का उसने Share Purchase किया था |

7 )Common Seal :-

सील या चिन्ह यह एक official  Recognition है जिससे वो कंपनी को पता चलता है कि ये एक legal authority है , सील मतलब यह है की कोई Third Party Organization किसी काम के लिए Authorized  है | अगर कोई कंपनी किसी थर्ड पार्टी Organization से Documentation  करती है तो उस पर अपना सील या मुहर या साइन लगाकर उसे legal authority बनाती है अगर Seal नहीं हुआ तो वह  Contest Perform नहीं हो पाएगा |

8 ) Risk Bearing :-

कंपनी में जितने भी Shares Holders हैं वह सभी मिलकर Risk को लेते हैं , तो इसमें क्या होता है कि जो रिक्श है , वह Members के बीच में  में डिस्ट्रीब्यूट हो जाता है, मतलब  इससे एक किसी एक ही Members  को सारा नुक्सान या Profit नहीं होता है यह सब आपस में डिस्ट्रीब्यूट हो जाता है | और इससे B.O.D (Board Of Director) को कोई Effect नहीं पड़ता |

Advantage Of  Joint Stock Company

1)Limited Liability :-

इसका मतलब यह हैं की अगर Company को loss होता है तब सभी मेंबरशिप को  उतना ही Amount  Pay  करना पड़ेगा जितने का उसने Share Purchase किया था | अगर आप Share Purchase या borrow करतें है तो Loss होने पर आपको अपना Limited Share ही देना होगा |

2 ) Transfer of Interest

अपने जितना Share Purchase किया हैं आप उसको किसे दुषरे Public Member या  अपने मई से हे किसे Members को Share Transfer क्र सकते हैं जैसे की public company अपने  Share को  ट्रांसफर करते  हैं | इसमें members अपने – अपने अनुसार Stock Transfer  करतें हैं , जिसको वो कभी भी बेच या खरीद सकतें हैं |

3 ) Perpetual Existence   :-

कंपनी कभी खत्म नहीं होती किसी के आने या जाने से अगर कोई चले जाता है या किसी की Death  हो जाती है ,कोई पागल हो जाता है , किसी भी वजह से कंपनी बंद नहीं होते ये लंबे समय तक चलती है | अगर आपको कंपनी बंद करवाना है तो इसके लिए आपको Legal Documents की जरुरत होगी , जो की B.O.D (Board Of Director) के द्वारा जाँच परख कर  होता है |

4 ) Scope of Expansion

Joint Stock Company ये एक बड़े पैमाने पर business होता है, Company   में हजारों लोग, बहुत सारे लोग काम कर रहे हैं तो Production बोहोत ज्यादा होगा Sale बोहोत ज्यादा होजा तो Revenue भी Generate ज्यादा होगा | आप जितना ज्यादा Profit कमाओगे उतना ही अपने ही अपने Business में expend  कर पाओगे और आपके Company के Growth के chances भी बढ़ेंगे |

5 ) Professional Management

किसी भी काम को करने के लिए आप अपने Company में Professional हायर करते है जो हर बार जरूरी नहीं है (जैसे sole proprietor और partnership में ) , इन पास इतना Fund नहीं होता की वो Professional Hire कर सके ,  उस Company के सभी  Professional मिल कर  Profit को ध्यान में रखते हुए अपने कार्य करते है। Professional का Vision clear रहता है जो की आगे के Profit को देकते हुए Present पर काम करता है |

Limitation or Disadvantage Of  Joint Stock Company

1 ) Complexity Formation :-

इन्हे Company Start करने में बहुत दिक्कत आती  है  , इन्हे काफी सारा इंफॉर्मेशन जुटाना पड़ता है Company को खड़ा करने के लिए  | Company के फॉरमेशन (स्टार्ट) करने के लिए,   Legal Documents के जरुरत पड़ते है जो की time-consuming Process  हैं | जैसे की sole proprietor में जरूत ही नहीं है और partnership में ये चीज़ Optional है | पर Joint Stock Company में ये चीज़ legal Documents का होना जरुरी है |

2 )Lack of Secrecy:-

कंपनी की जो भी इंफॉर्मेशन है वह सीक्रेट नहीं  हो पाती जो भी पब्लिक कंपनी है उनको अपनी इंफॉर्मेशन जनरल पब्लिक को शो करनी पड़ती हैजैसे की वेबसाइट ,  पर उस चीज को अपलोड  करना होता है या किसी आर्टिकल के थ्रू किसी न्यूज़पेपर को शो करना पड़ता है उसकी वजह से उनकी जो इंफॉर्मेशन है वह सीक्रेट नहीं होते वह पब्लिक हो जाती है|

3 )In personal Work Environment:-

इनका जो काम करने का तरीका होता है In-personal  होता है मतलब हर वर्कर्स पर नजर नहीं रखे जा पाती है और उनका वर्क कोलोगों  हिसाब से Divide करना नहीं हो पाता है जितनी बड़ी कंपनी होगी उनको मिडल लेवल, लोअर लेवल, हायर लेवल का ध्यान रखना मुश्किल होता है |

4 )Numerous Regulation:-

इसमें रूल्स और रेगुलेशन बहुत है पेपर वर्क का डॉक्यूमेंट बनाना पड़ता है , हर  चीज़ों के लिए नोटिस तैयार करना पड़ता है और हर वह डॉक्यूमेंट जो काम में आरा है वह Document  प्रिंटआउट भी होना चाहिए उसकी हार्ड कॉपी भी होनी चाहिए और सभी डॉक्यूमेंट में साइन और सील दोनों होने चाहिए आपको हर चीज करने के लिए कुछ Systematic Procedure  अपनाना पड़ेगा , इसमें किसे भी चीज़ के लिए  हड़बड़ी या जल्दबाजी में डिसीजन नहीं लिया जाता है|  हर चीज का Systematic वे होता है उसी Way में आपको उस कार्य को करना पड़ेगा |

5 )Daley in Decision Making:-

कोई भी डिसीजन लेने में देरी हो जाती है , जितनी बड़ी ऑर्गेनाइजेशन होते है,  उसके बीच में उतने ही सारे Levels भी होते हैं लेबल्स को डॉक्यूमेंट पास करते-करते उस डॉक्यूमेंटेशन में काफी देरी हो जाती है|  इसमें कोई भी एक Particular Person सभी डिसीजंस नहीं लेता है |  सभी लोगों के सहमति को ध्यान में रखते हुए उस काम को किया जाता है | इसमें Equal Voting Rights के आधार पर डिसीजन होता है |


Final Word

दोस्तों इस पोस्ट को पूरा पढने के बाद आप तो ये समझ गये होंगे की Joint Stock Company In Hindi क्या है और आपको जरुर पसंद आई होगी , मैं हमेशा यही कोशिश करता हु की आपको सरल भाषा में समझा सकू , शायद आप इसे समझ गये होंगे इस पोस्ट में मैंने सभी Topics को Cover किया हूँ ताकि आपको किसी और पोस्ट को पढने की जरूरत ना हो , यदि इस पोस्ट से आपकी हेल्प हुई होगी तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं|

दोस्तों इस पोस्ट को पूरा पढने के बाद आप तो ये समझ गये होंगे की Joint Stock Company क्या है और आपको जरुर पसंद आई होगी , मैं हमेशा यही कोशिस करता हु की आपको सरल भासा में समझा सकू , शायद आप इसे समझ गये होंगे इस पोस्ट में मैंने सभी Topics को Cover किया हूँ ताकि आपको किसी और पोस्ट को पढने की जरूरत ना हो , यदि इस पोस्ट से आपकी हेल्प हुई होगी तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं|

3 Trackbacks / Pingbacks

  1. Sole Proprietor and its Characterstics ,Advantage ,Disadvantage
  2. Difference Between Private Company And Public Company In Hindi
  3. Difference Between Partnership And Limited Company In Hindi

Comments are closed.