
Content Of Project Report In Hindi – हेल्लो Engineers कैसे हो , उम्मीद है आप ठीक होगे और पढाई तो चंगा होगा आज जो शेयर करने वाले वो Entrepreneurship के Content Of Project Report In Hindi के बारे में हैं तो यदि आप जानना चाहते हैं की ये क्या हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ सकते हैं , और अगर समझ आ जाये तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं |
Content Of Project Report In Hindi

Content Of Project Report In Hindi
परियोजना प्रतिवेदन ( Project Report )के अंतर्लेखों का विवरण निम्नलिखित है –
परियोजना का परिचय ( Introduction to Project ) –
परियोजना प्रतिवेदन में सर्वप्रथम परियोजना का परिचय लिखा जाता है । इसमें उद्योग का नाम , उद्यमी की योग्यता , अनुभव आदि का उल्लेख रहता है ।
बाजार की स्थिति ( Position of Market ) –
बाजार सर्वेक्षण के आधार पर इसमें वस्तु बाजार में माँग व पूर्ति का विवरण लिखा जाता है ।
वस्तु का उत्पादन न बिक्री ( Sales and Production of Article ) –
परियोजना प्रतिवेदन में वस्तु का बाजार की स्थिति को ध्यान में रखकर वस्तु के उत्पादन की मात्रा और उसकी बिक्री मूल्य का उल्लेख किया जाता है ।
कच्चे माल की आवश्यकता ( Requirement of Raw Material ) –
वर्षभर में कितन कच्चे माल की जरूरत पडेगी ? उसकी कुल कीमत ( ढुलाई सहित ) क्या होगी ? इसका विवरण भी लिखा जाता है ।
मशीन व उपकरणों का विवरण ( Details of Machines and Equipment ) –
उद्योग में लगने वाली मशीनों एवं उपकरणों के नाम , उनका मूल्य आदि का व्यारामा परियोजना प्रपत्र में दिया जाता है ।
निर्माण प्रक्रिया ( Manufacturing Process ) –
वस्तुनमाण विवरण परियोजना प्रतिवेदन में देने से निर्माण के समय मार्ग निदेशन प्राप्त होता है |
उपयोगी सेवाएं ( Utilities ) –
परियोजना प्रतिवेदन में इस बात का संक्षिप्त करना जरूरी होता है कि उद्योग के लिये उपयोगी सेवाएँ यथा – पानी , बिजली उनकी आपूर्ति किन स्रोतों से की जायेगी ?
भूमि व भवन का विवरण ( Details of Land and Building ) –
प्रतिवेदन में मूमि , भवन का क्षेत्रफल , उसके निर्माण में लगने वाली सामग्री की मात्रा तथा उसका मूल्य , निर्माड व्यय आदि का संक्षिप्त उल्लेख किया जाता है ।
उद्योग स्थापित होने की अवधि ( Period of Establishment of Industry ) –
उद्योग को स्थापित करने में लगने वाली अवधि का उल्लेख करने से निर्धारित योजना के अनुसार समस्त कार्य सम्पन्न हो जाते है ।
कर्मचारियों व कारीगरों का विवरड ( Details of Employees and Artisans ) –
उद्योग में लगने वाले विभिन्न कर्मचारियों एवं कारीगरों के पद , एक कारीगरों के पद , पदों की संख्या , उनके का उल्लेख प्रतिवेदन में किया जाता है ।
उद्योग की कुल लागत और वित्तीय साधन ( Total Cost of Industry and Financial Resources )-
इसके अंतर्गत भूमि , भवन तथा त भूमि , भवन तथा मशीनों व मशीनों की स्थापना आदि में होने वाले कुल व्यय या पूँजी तथा उस पूँजी की प्राप्ति के साधनों का उल्लेख किया जाता है ।
उत्पादन लागत एवं लाभ ( Production Cost and Profit ) –
उत्पादन लागत में मजदूरों व कर्मचारियों का वेतन , भवन किराया , कच्चा माल , बिजली , पानी , स्टेशनरी , टेलीफोन व्यय , विज्ञापन , पैकिंग , बैंक ब्याज आदि मदों को सम्मिलित करते हैं । वर्ष भर में होने वाले अनुमानित उत्पादन की कुल लागत को , अनुमानित बिक्री में से घटाकर लाभ की गणना कर लेते हैं ।
परियोजना का वित्तीय मूल्यांकन ( Financial Appraisal of Project ) –
सभी पहलुओं का विवरण देने के पश्चात् वित्तीय मूल्यांकन किया जाता है जिससे यह पता चल सके कि परियोजना आर्थिक रूप से व्यवहार्य रहेगी अथवा नहीं ।
कर्ज अदायगी ( Debt Repayments ) –
उद्योग स्थापना के लिये कर्ज की अदायगी किस रूप में और कितने समय में की जायेगी , इसका विवरण भी प्रतिवेदन में दिया जाता है ।
क्षेत्रवासियों के लिये उपयोगिता ( Utility for People of Area ) –
परियोजना की स्थापना से उस क्षेत्र के लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेंगे ? उन्हें कितना लाभ अथवा नुकसान होगा ? आदि बातों का उल्लेख किया जाता है ।
निष्कर्ष एवं अनुशंसा ( Conclusion and Recommendation ) –
सबसे अंत में परियोजना विशेषज्ञ , परियोजना का निष्कर्ष लिखकर उसमें अपनी अनुशंसा लिखता है ।
Final Word
दोस्तों इस पोस्ट को पूरा पढने के बाद आप तो ये समझ गये होंगे की Content Of Project Report In Hindi और आपको जरुर पसंद आई होगी , मैं हमेशा यही कोशिश करता हूँ की आपको सरल भाषा में समझा सकू , शायद आप इसे समझ गये होंगे इस पोस्ट में मैंने सभी Topics को Cover किया हूँ ताकि आपको किसी और पोस्ट को पढने की जरूरत ना हो , यदि इस पोस्ट से आपकी हेल्प हुई होगी तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं |
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