जाने TCP/IP Model और उनके Layers हिंदी में – TCP/IP Model In Hindi

TCP/IP Model In Hindi
4.4/5 - (9 votes)

जाने TCP/IP Model और उनके Layers हिंदी में, TCP/IP Model Layers is- Application ,Transport, Internet, Network Access Layer in hindi, TCP/IP Model In Hindi.

TCP/IP Model In Hindi

TCP/IP Model In Hindi
TCP/IP Model In Hindi

TCP/IP Model In Hindi –  हेल्लो Engineers कैसे हो , उम्मीद है आप ठीक होगे और पढाई तो चंगा होगा आज जो शेयर करने वाले वो Computer Network के TCP/IP Model In Hindi के बारे में हैं।

तो यदि आप जानना चाहते हैं की TCP/IP Model In Hindi   के बारे में तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ सकते हैं , और अगर समझ आ जाये तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं।


TCP/IP Model In Hindi

  • TCP/IP का पूरा नाम Transmission Control Protocol/Internet Protocol होता हैं, TCP/IP का प्रयोग हम Real Environment में use करते हैं  , TCP/IP World Wide Web  का एक प्रोटोकॉल है जिसे हम इंटरनेट कहते है।
  • यह  मॉडल end-to-end कम्युनिकेशन उपलब्ध कराता है, TCP/IP को 1970 तथा 1980 के दशक के मध्य U.S. department of defense(D.O.D.) ने विकसित किया था।

TCP/IP Model  में  4 layers होती हैं

  1. Application Layer
  2. Transport Layer
  3. Internet Layer
  4. Network Access Layer
TCP/IP Model In Hindi
TCP/IP Model In Hindi

Application Layer In Hindi

दोस्त्तो Application Layer को हम कुछ points में शेयर कर रहे हैं उम्मीद हैं आपको समझ आएगी-

  • जब हम data send  करते हैं तो वह Application Layer में जाता है।
  • Application Layer इंटरफेस की तरह कार्य  करती  है।
  • एप्लीकेशन लेयर Node To Node कम्युनिकेशन की Facility provide करती है।
  • Application Layer यह भी define करती है कि हमारा डाटा एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में किस तरह send होगा।
  • एप्लीकेशन लेयर में हम डाटा को encrypt कर सकते हैं, encryption हमारे डाटा को security provide कराती है।
  • Application Layer हमारे डाटा को Compress करने की सुविधा provide कराती है Compress  means उसकी size reduce करना।
  • एप्लीकेशन लेयर synchronization की facility provide करती है synchronization  में यह पता चलता है कि हमारे डाटा पहुंचा या नहीं यह चेक करते हैं।
  • एप्लीकेशन लेयर में कुछ प्रोटोकॉल्स यूज होते हैं जो निम्नानुसार हैं:-

Smtp, FTP, DNS, NFS, DHCP, TFTP, SNMP


Transport Layer In Hindi

दोस्त्तो Transport Layer को हम कुछ points में शेयर कर रहे हैं उम्मीद हैं आपको समझ आएगी-

  • अब हमारा डाटा एप्लीकेशन लेयर से ट्रांसपोर्ट लेयर में आया।
  • ट्रांसपोर्ट लेयर Reliable  End To End कम्युनिकेशन के लिए रिस्पांसिबल होता है।
  • यदि एक user दूसरे userसे communicate करना चाहता है तो उनके बीच Reliable  connection होना जरूरी है,  Reliable  connection  होगा तभी वह दोनों एक दूसरे से data transfer कर पाएंगे।
  • .इस लेयर में दो मुख्य प्रोटोकॉल कार्य करते है:-
  1. Transmission control protocol(TCP)
  2. User datagram Protocol(UDP)

जब हमारा डाटा एप्लीकेशन लेयर से ट्रांसपोर्ट लेयर में आता है तो वह डाटा सेगमेंट के रूप में डिवाइड हो जाता है,  तथा data segment ले रूप में send होता है।

Transport Layer में user1 और user2 के मध्य लिंक बना रहता है ताकि जब कोई data transmit की जाये तो अगर data corrupt हो जाये तो उसे दुबारा retransmit किया जा सके।

Transport Layer Port Address  का भी work करती है।


Internet Layer In Hindi

Transport Layer से हमारा data Internet Layer में आया।

Internet Layer में  3 महत्वपूर्ण काम हैं –

  1. Internetworking
  2. Logical Addressing
  3. Routing

1 . Internetworking:-   जब 2 या उससे अधिक नेटवर्क आपस में ज्वाइन होते हैं तो वह इंटरनेटवर्किंग कहलाता है। जब user किसी दुसरे other network  के user से communicate करता अहिं तो communicate में जो network बनता हैं उसे Internetworking कहा जाता हैं, और इसे control करना था देख रेख करना internet layer की responsibility होती हैं।

2. Logical Addressing:- Logical Addressing का काम Host को  IP Address Provide कराना होता हैं ताकि वो आपस में communicate कर सके।

3. Routing:-  Routing  में best path find किया जाता हैं की जब अगर source से डेस्टिनेशन data transfer करना हैं तो कौन सा best way होगा data को transfer करने के लिए , path decide करने से data fastly transfer होगा।

Protocols:- IP, ARP, RARP etc..


Network Access Layer In Hindi

अब हमारा डाटा इंटरनेट लेयर से Network Access Layer  में आता है , Network Access Layer hardware addressing के लिए responsible होता हैं जिसे हम physical addressing  के नाम से भी जानते हैं।

इस layer में 2 sub-layer होती हैं –

  1. Mac Sub-layer
  2. Physical Sub-layer

-> Mac Sub-layer mac address में work करती है।

-> Physical Sub-layer physical ट्रांसमिशन medium में कम करती हैं।

Network Access Layer यह define करती हैं की physically एक जगह से दूसरी जगह data कैसे move होगी , और साथ साथ ये भी define करती हैं की जब data transmit हुआ तो कौन से माध्यम से हुआ हैं wireless या wired, ये सभी  Network Access Layer  में define होते हैं।


Conclusion Of TCP/IP Model In Hindi

दोस्तों इस पोस्ट को पूरा पढने के बाद आप तो ये समझ गये होंगे की TCP/IP Model In Hindi और आपको जरुर पसंद आई होगी , मैं हमेशा यही कोशिस करता हु की आपको सरल भासा में समझा सकू , शायद आप इसे समझ गये होंगे इस पोस्ट में मैंने सभी Topics को Cover किया हूँ ताकि आपको किसी और पोस्ट को पढने की जरूरत ना हो , यदि इस पोस्ट से आपकी हेल्प हुई होगी तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं।

इन्हें भी पढ़े :-

3 Comments

  1. Sir ye layer uper se niche aata hai matlab application leyer first layer hai kya.. exam me network access layer ko pahle nhi likh sakte hai kya

9 Trackbacks / Pingbacks

  1. dayz cheats
  2. จอ led ขนาดใหญ่
  3. my profile
  4. marbo 9000
  5. ติดเน็ตบ้าน เอไอเอส
  6. mepay168
  7. ทางเข้า lucabet
  8. SHOPEE สล็อต
  9. drag chain cable

Comments are closed.