OSI Model In Hindi – हेल्लो Engineers कैसे हो , उम्मीद है आप ठीक होगे और पढाई तो चंगा होगा आज जो शेयर करने वाले वो Computer Network के OSI Model In Hindi के बारे में हैं, तो यदि आप जानना चाहते हैं की OSI Model In Hindi के बारे में तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ सकते हैं , और अगर समझ आ जाये तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं।
OSI Model In Hindi
- जाने सभी प्रकार की Switching Methods हिंदी मे
- जाने Multiplexing और उसके प्रकार हिंदी में – Multiplexing In Hindi
OSI Model In Hindi
- OSI model का पूरा नाम Open Systems Interconnection है इसे ISO (International Organization for Standardization) ने 1978 में विकसित किया था और इस मॉडल में 7 layers होती है।
- ये Model किसी Network में 2 users के बीच communication के लिए reference Model है इस मॉडल की प्रत्येक layers दूसरे layer पर निर्भर नहीं रहती लेकिन एक layer से दूसरे layer में डाटा ट्रांसमिशन होता है।
- OSI को Open Systems Interconnection कहा जाता है यह ISO (International Organization for Standardization) के प्रस्ताव पर आधारित है, यह Model यह describe करता है कि एक कंप्यूटर के software application से information or Data Network Medium द्वारा दूसरे कंप्यूटर के software application में किस प्रकार Send किए जाते हैं।
- यह Model डिस्क्राइब करता है कि किसी नेटवर्क में data या Information कैसे Send या Receive होती है, इस मॉडल का सभी Layer का अपना अपना काम होता है।
OSI Model Layer In Hindi
इस model में निम्नलिखित 7 layers होती हैं आइये इन्हें विस्तार से जानते है:-
- Physical Layer
- Data Link Layer
- Network Layer
- Transport Layer
- Session Layer
- Presentation Layer
- Application Layer
1. Physical Layer In Hindi
- Physical Layer OSI Model की पहली व निम्नतम layer है।
- यह लेयर computer network के physical connection को स्थापित ह maintain करने का कार्य करती है।
- यह layer सभी physical तथा electrical specification को define करती है।
- इस लेयर में डिजिटल सिग्नल, इलेक्ट्रिकल सिग्नल में बदल जाता है।
- यह layer तीन प्रकार के interface- Mechanical, Electrical, एंड Procedural को Specify करती है।
- Mechanical Interface Physical Connector के आकार तथा आकृति को बताता है, Electrical Interface Voltage के साथ Deal करता है, Procedural Interface नियमों को संचालित करता है जिसके द्वारा डाटा ट्रांसफर होता है।
- फिजिकल लेयर यह भी describe करता है कि कम्युनिकेशन wireless होगा या wired होगा।
Function Of Physical Layer In Hindi
- Media and Interface की Physical characteristics
- Representation of bits
- Data rate
- Synchronization of bits
- Line configuration
- Transmission mode
- Physical topology
Purpose Of Physical Layer Hindi
Physical Layer का Aim एक स्थान से दूसरे स्थान पर ट्रांसफर हो रही Individual Bits की Process को कंट्रोल करना है।
इसे निम्नलिखित प्रकार से निर्धारित किया जा सकता है –
- फिजिकल नेटवर्क स्ट्रक्चर
- ट्रांसमिशन मीडियम को उपयोग करने के लिए मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल स्पेसिफिकेशन
- ट्रांसमिशन इनकोडिंग तथा टाइमिंग रूल्स
2. Data Link Layer In Hindi
- यह OSI Model की दूसरी Layer है।
- यह Layer Bits को Physical Layer से Frame में परिवर्तित करती है।
- Data Link layer physical link से दो Nodes के बीच Reliable Communication Link को Provide करने के लिए Responsible होती है।
- इसमें Node-to-Node Delivery होती है।
- इसका सबसे अच्छा उदाहरण है Ethernet.
- इस नेटवर्क में नेटवर्क लेयर द्वारा भेजे गए पैकेट को Encode तथा Decode किया जाता है।
इस लेयर को फ्रेम यूनिट भी कहा जाता है। इस layer में डेटा ट्रांसमिशन के लिए दो प्रोटोकॉल प्रयोग होते है।
1) high-level data link control (HDLC)
2) PPP (Point-to-Point Protocol)
Function Of Data Link Layer In Hindi
1. Node -to -Node Delivery
डाटा लिंक लेयर Node-to-Node Delivery के लिए उत्तरदायी होती है ।
2. Physical Addressing
यदि Frames विभिन्न network पर Distribute किये गये हैं, तब डाटा लिंक लेयर Frame के Sender तथा Receiver के फिजिकल एड्रेस को निर्धारित करने के लिए फ्रेम को हेडर से जोड़ती है ।
3. Access Control
जब दो या दो से अधिक devices को समान link द्वारा जोड़ा जाता है, तब डाटा लिंक लेयर protocols द्वारा यह निर्धारण किया जाता है कि किस devices को दिये गये समय में लाइन पर Control प्राप्त होगा ।
4. Flow Control
इसमें data link layer द्वारा डाटा का मात्रा को नियंत्रित किया जाता है जिससे वह एक ही समय में transmit किया जा सके और receiver पर अत्यधिक data का भार भी न पड़े ।
5. Error Handling
डाटा लिंक लेयर प्रोटोकॉल्स द्वारा डाट की रिकवरी सामान्यतः फ्रेम के रिट्रांसमिशन द्वारा होती है ।
6. Synchronization
Headers में स्थित bits receiving स्टेशन को यह सूचना देती हैं कि frame पहुँच रहे हैं । trailers में उपस्थित bits error को control करती हैं । इसके अतिरिक्त trailers में कुछ अन्य bits भी होती हैं जो फ्रेम की समाप्ति की सूचना देती हैं तथा यह सूचना भी देती हैं कि अब जो कुछ पहुँचने वाला है वह या तो को नई फ्रेम है या कोई आइडल चैनल है ।
Purpose of Data Link Layer Hindi
data link layer का मुख्य उद्देश्य single communication channel द्वारा कनेक्ट की गई nearby machine के बीच में कुशल तथा रिलाइबल कम्युनिकेशन प्रदान करना है ।
3. Network Layer In Hindi
- नेटवर्क लेयर OSI model का तीसरा लेयर है इस लेयर में switching तथा routing तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसका कार्य लॉजिकल एड्रेस अर्थात I.P. address भी उपलब्ध कराना है।
- इस Layer का मुख्य कार्य Packet को बनाना होता है । एक Packet दो Object से मिलकर बना होता है जिसमें First Object Data Portion and second Destination का Address होता है ।
- यह Layer Multiple Networks में Packet की Source से Destination तक की Delivery के लिए Responsible होती है । Network layer यह Insure करती है प्रत्येक Packet, Source point से Last destination पर प्राप्त होता है ।
- इसे एक Logical virtual circuit कहा जाता है जिससे data को एक Node से दूसरे node पर भेज सकते हैं । यह Routing , Forwarding के साथ – साथ Addressing , Internetworking, Error handling , Congestion Control का कार्य भी करती है ।
- इसमें IP, IPX, DDP आदि प्रोटोकॉल आते हैं ।
Function Of Network Layer In Hindi
1. Source – to – Destination Delivery
Network layer, destination delivery के लिए Source का काम करती है । यह किसी Packet को Multiple Network links में सभी . Destination Address तक पहुँचाती है ।
2. Logical Addressing
Source and destination Address को Header में Include करना ।
3. Address Transformation
फिजिकल इक्यूवेलेन्ट्स पता करने के लिए लॉजिकल एड्रेसेस को इंटरप्रेट करना ।
4. Multiplexing
Single physical line के उपयोग से data को कई Devices के मध्य एक ही समय में ले जाया जाता है ।
Purpose of Network Layer
नेटवर्क लेयर की Services को नेटवर्क लेयर के उद्देश्यों के साथ डिजाइन किया गया है जो कि निम्नलिखित हैं –
- Subnet Technology की सर्विस Independent होनी चाहिए ।
- Subnet के उपस्थित होने पर Transport Layer को Subnet की संख्या , प्रकार तथा टोपोलॉजी द्वारा शील्डेड किया जाना चाहिए ।
- ट्रांसपोर्ट लेयर के लिए नेटवर्क एड्रेस उपलब्ध होना चाहिए तथा LAN और VAN के अनुसार Uniform Numbering प्लान का उपयोग करना चाहिए ।
4. Transport Layer In Hindi
- Transport Layer OSI Model की चौथी layer हैं, transport layer session layer से डाटा लेता हैं और transport करने के लिए data के segments network की ओर भेज देता हैं।
- यह network में End-to-End message delivery को Manage करती हैं।
- इस Layer का प्रयोग Data को network के मध्य में से सही तरीके से ट्रान्सफर किया जाता है। इस लेयर का कार्य दो कंप्यूटरों के मध्य कम्युनिकेशन को उपलब्ध कराना भी है।
Function Of Transport Layer In Hindi
- यह flow control और error control दोनों प्रकार के कार्यों को करती है।
- Transport layer का मुख्य कार्य data को एक कंप्यूटर से दूसरे computer तक transmit करना है।
- यह दो प्रकार की service प्रदान करती है:- connection-oriented और connection less.
- End-to_end Message Delivery
- Service Point Addressing
- Segmentation and Reliable
- Connection Control
5. Session Layer In Hindi
- सेशन लेयर OSI model की पांचवी लेयर है जो कि बहुत सारें Computers के मध्य Connection को Control करती है।
- Session Layer communication session को स्थापित, manage और terminate करती हैं , Communication Session विभिन्न network devices में located application के बीच service request और service response को रखती हैं।
- सेशन लेयर दो डिवाइसों के मध्य कम्युनिकेशन के लिए सेशन उपलब्ध कराता है अर्थात जब भी कोई यूजर कोई भी वेबसाइट खोलता है तो यूजर के कंप्यूटर सिस्टम तथा वेबसाइट के सर्वर के मध्य तक सेशन का निर्माण होता है।
Function Of Session Layer In Hindi
- Graceful Close – इसके द्वारा यह निर्धारित किया जाता हैं की data units exchange session को closed करने से पूर्व complete हो चूका हैं या नहीं।
- Dialog Control – Dialog Control द्वारा यह insure किया जाता हैं की data units कब और कौन भेजेगा।
- यह synchronization के कार्य को भी पूरा करती है. अर्थात् जब भी transmission में कोई error आ जाती है तो ट्रांसमिशन को दुबारा किया जाता है।
Purpose of Session Layer In Hindi
Session layer का मुख्य उद्देशय End user application processes के बीच Dialog को manage करने के लिए mechanism उपलब्ध कराना हैं. Session layer डाटा को दूसरे application data से सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न application का use करती हैं।
6. Presentation Layer In Hindi
presentation Layer OSI मॉडल का छटवां लेयर है। इस layer का use डेटा का encryption तथा decryption के लिए किया जाता है, presentation Layer को डेटा के compression के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। यह लेयर ऑपरेटिंग सिस्टम से सम्बंधित है।
Function Of Presentation Layer In Hindi
- presentation Layer का मुख्य काम compression का भी है compression बहुत जरुरी होता है क्योंकि हम data को compress करके उसके size को कम कर सकते है।
- Translation
- Encryption
- Security
Purpose Of Presentation Layer Hindi
Presentation layer का मुख्य उद्देश्य data के रूप में message को गुप्त रखने की सुविधा प्रदान कराना हैं।
7. Application Layer In Hindi
- Application Layer OSI model का सातवाँ (सबसे उच्चतम) लेयर है। Application Layer का मुख्य कार्य हमारी वास्तविकApplication तथा अन्य Layers के मध्य interface Provide कराना है।
- ये Layer end-user के सबसे नजदीक होती है। इस लेयर के अंतर्गत HTTP, FTP, SMTP तथा NFS आदि प्रोटोकॉल आते है।
- ये layer यह Control करती है कि कोई भी Application किस प्रकार नेटवर्क से access करती है।
Function Of Application Layer Hindi
- Application layer के द्वारा यूजर remote computer से files को access कर सकता है और files को retrieve कर सकता है।
- यह email को forward और स्टोर करने की सुविधा भी देती है।
- इसके द्वारा हम डेटाबेस से directory को access कर सकते हैं।
Purpose Of Application Layer Hindi
Application Layer का मुख्य उद्देश्य protocol की variety को Contain करना हैं जिसकी अत्यधिक आवश्यकता user को होती हैं, यह email को forward और स्टोर करने के लिए भी किया जाता हैं।
Difference Between OSI and TCP/IP Model In Hindi
OSI MODEL | TCP/IP MODEL |
यह एक 7th Layer Model है | | ये 4th Layer Model है | |
यह “International Organization for Standardization” द्वारा 1980 में विकसित किया गया है | इसको संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग की एक एजेंसी, DARPA ने 1970 में इसे बनाया गया था |
यह Model Network की Understanding के लिए बनाया गया जिससे यह समझा जा सके की आखिर Network work कैसे करता है ! आम तौर पर इसे एक मार्गदर्शन (Guideline ) के रूप में प्रयोग किया जाता है। | टीसीपी / आईपी को एक विशिष्ट सेट समस्याओं को हल करने के लिए डिज़ाइन किया गया TCP /IP Model OSI Model में समजाये गए Function और Task को Real में Implement करने का तरीका है |
इसको सामन्यत एक Reference model के तोर पर ही जाना जाता है | इस Model को Protocol Model कहा जाता है ! क्यों की इसमें कहि प्रमुख इंटरनेट प्रोटोकॉल काम करती है जैसे -HTTP , जो वेब का मूल प्रोटोकॉल है; और सिंपल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल, मुख्य ईमेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल – TCP / UDP प्रोटोकॉल अदि |
यह Model एक vertical approach. को Follow करता है ! | यह एक horizontal approach को Follows करता है ! |
Protocol OSI Model में Hide रहते है ! जिसको आसानी है Technology में परिवर्तित किया गया है ! | TCP /IP Model में Protocol को Refresh करना आसान नहीं है |
OSI Model एक Open Standard Freedom Protocol model है जो Service Interface और Protocol को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है और उनके बीच स्पष्ट अंतर बनाता है। | TCP /IP Model एक Protocol Model है ! इसमें Service interface और Protocol एक ही बात होती है ! यानि इसकी Service को Protocol के नाम से ही जाना जाता है |
Final Word Of OSI Model
दोस्तों इस पोस्ट को पूरा पढने के बाद आप तो ये समझ गये होंगे की ये Model In Hindi और आपको जरुर पसंद आई होगी , मैं हमेशा यही कोशिश करता हु की आपको सरल भाषा में समझा सकू , शायद आप इसे समझ गये होंगे इस पोस्ट में मैंने सभी Topics को Cover किया हूँ ताकि आपको किसी और पोस्ट को पढने की जरूरत ना हो , यदि इस पोस्ट से आपकी हेल्प हुई होगी तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं।
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