Input Output Structure In Operating System In Hindi – हेल्लो Engineers कैसे हो , उम्मीद है आप ठीक होगे और पढाई तो चंगा होगा आज जो शेयर करने वाले वो Operating System के Input Output Structure In Operating System In Hindi के बारे में हैं, तो यदि आप जानना चाहते हैं की Input Output Structure In Operating System In Hindi क्या हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ सकते हैं , और अगर समझ आ जाये तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं।
Input Output Structure In Operating System In Hindi
Input Output Structure In Hindi
- Device Controller के पास डिवाइस कंट्रोलर के पास एक Local Buffer होता है | Operating System का बहुत बड़ा भाग Input Output Device को Manage करने में लगता है |
- एक General Purpose Computer CPU और विभिन्न Device Controller से मिलकर बना होता है | जो कि System Bus द्वारा एक दूसरे से Connect होता है| प्रत्येक Device Controller एक Device का Inter-charge हो जाता है कुछ Device Controller एक से ज्यादा डिवाइस इस को भी कंट्रोल कर सकते हैं Ex – (Small Scale System Interface) या फिर उससे ज्यादा डिवाइसेज को कंट्रोल कर सकता है|
- प्रत्येक Device Controller एक Local Buffer और एक Special Purpose Resister maintain करके रखता है | Device Controller ही Peripheral Device और Local Buffer के बिच Data Transfer करता है |
- Operating System के पास हर एक Device Controller के लिए Device Driver होता है | Device Driver , Device Controller Operating System के बीच इंटरफेस प्रोवाइड करता है |
- Input – Output Operation Start करने के लिए सबसे पहले Device Driver CPU Resister के Data को Device Controller को Send करता है Device Controller Resistor के डाटा को Examine करता है और उसके अनुरूपAction Perform करता है जैसे की – Keyboard से कोई Character Read करना |
- Device Controller इस data को Device से Read करके अपने Local Buffer में store करता हैं | जब Data Transfer Complete हो जाता है। तब Device Controller एक Interrupt के द्वारा Device Driver को Inform करता है इसके बाद Device Driver Control को Operating System कोReturn करता है |
- इस प्रकार काInterrupt Driver Input – Output , Small Amount Of Data Transfer के लिए सही होता है लेकिन जब Large Amount Of Data Transfer होता है यह System के लिए बहुत बड़ा Overhead हो जाता है इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए Direct Memory Access (DMA) का use किया जाता हैं |
- Direct Memory Access Method में Buffer , Pointer And Counter को Start करता हैं | Device Controller बिना किसी CPU दखल केपुरे एक Block Data को Buffer से Memory या फिर Memory से Buffer में transfer करता है | इस Method में प्रत्येक Block Data Transfer के लिए एक Interrupt Generate होता है | जबकि Low Speed Devices के Case में हर एक Byte के लिए Interrupt Generate होता है |
Final Word
दोस्तों इस पोस्ट को पूरा पढने के बाद आप तो ये समझ गये होंगे की Input Output Structure In Operating System In Hindi और आपको जरुर पसंद आई होगी , मैं हमेशा यही कोशिश करता हु की आपको सरल भाषा में समझा सकू , शायद आप इसे समझ गये होंगे इस पोस्ट में मैंने सभी Topics को Cover किया हूँ ताकि आपको किसी और पोस्ट को पढने की जरूरत ना हो , यदि इस पोस्ट से आपकी हेल्प हुई होगी तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं|
दोस्तों इस पोस्ट को पूरा पढने के बाद आप तो ये समझ गये होंगे की System Storage In Operating System In Hindi और आपको जरुर पसंद आई होगी , मैं हमेशा यही कोशिस करता हु की आपको सरल भासा में समझा सकू , शायद आप इसे समझ गये होंगे इस पोस्ट में मैंने सभी Topics को Cover किया हूँ ताकि आपको किसी और पोस्ट को पढने की जरूरत ना हो , यदि इस पोस्ट से आपकी हेल्प हुई होगी तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं|