RAD Model In Hindi– हेल्लो Engineers कैसे हो , उम्मीद है आप ठीक होगे और पढाई तो चंगा होगा आज जो शेयर करने वाले वो Software Engineering के RAD Model In Hindi के बारे में हैं तो यदि आप जानना चाहते हैं की ये क्या हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ सकते हैं , और अगर समझ आ जाये तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं |
RAD Model In Hindi
RAD Model In Hindi
आज हम रेड मॉडल तथा इसके लाभ हानी के बारे में पड़ेंगे तो चलिए शुरू करते हैं:-
- RAD मॉडल का पूरा नाम रैपिड एप्लीकेशन डेवलपमेंट मॉडल है, रेड मॉडल की कार्य विधि जो है वह इंक्रीमेंटल या वॉटरफॉल मॉडल की तरह ही सामान होती है इसका प्रयोग छोटे प्रोजेक्ट के लिए किया जाता है बजट बढ़ा है तो उसे बहुत सारे छोटे-छोटे प्रोजेक्ट में विभाजित कर लिया जाता है |
- प्रोजेक्ट की एक-एक करके प्लानिंग की जाती है तथा इन्हें पूरा किया जाता है | इस तरह छोटे-छोटे प्रोजेक्ट को पूरा करके बड़ा प्रोजेक्ट जल्दी तैयार हो जाता है |
RAD (RAPID DEVELOPMENT MODEL) Model In Hindi
RAD model में प्रोजेक्ट को दिए गए समय के अंदर पूरा किया जाता है तथा प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले सारी REQUIREMENT को इकट्ठा कर लिया जाता है रेड मॉडल में प्रोजेक्ट बहुत ही तेजी से पूरा होता है तथा इसमें errors भी बहुत ही कम होती है |
मॉडल का मुख्य उद्देश्य प्रोजेक्ट डेवलपमेंट में code, component tools ,process को reuse करना है| रेड मॉडल के निम्नलिखित phases होती है :-
- बिजनेस मॉडलिंग(Business modeling)
- डाटा मॉडलिंग(data modeling)
- प्रोसेस मॉडलिंग(process modeling)
- एप्लीकेशन जेनरेशन (application generation)
- टेस्टिंग एंड टर्नओवर(Testing and Turnover)
1.बिजनेस मॉडलिंग (Business modeling) :- इस phase में बिजनेस मॉडल को विभिन्न बिजनेस गतिविधियों द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर डिजाइन किया जाता है | डेवलपमेंट का कार्य शुरू करने से पहले बिजनेस की पूरी जानकारी तथा functionality को भली-भांति analyze किया जाता है |
2.डाटा मॉडलिंग(Data modeling) :- जब बिजनेस मॉडलिंग phase समाप्त हो जाता है मॉडलिंग से प्राप्त सूचना का प्रयोग डाटा ऑब्जेक्ट को define करने के लिए किया जाता है |
3.प्रोसेस मॉडलिंग(Process modeling) :- डाटा मॉडलिंग में जो डाटा ऑब्जेक्ट डिफाइन किए थे उन्हें इनफार्मेशन flow को प्राप्त करने के लिए ट्रांसफार्म(transform) कर दिया जाता है जिससे कि बिजनेस मॉडल के आधार पर कुछ विशेष बिजनेस goals को पूरा किया जा सके |
4.एप्लीकेशन जनरेशन(Application generation) :- इस फेस में एप्लीकेशन को बना बनाया तथा कोडिंग की जाती है तथा ऑटोमेटिक टूल(automated tool) का प्रयोग सॉफ्टवेयर को बनाने तथा कोडिंग करने के लिए किया जाता है यह सब real टाइम में होता है |
5. टेस्ट एंड टर्नओवर(Testing and turnover) :- इसमें सभी interfaces तथा कॉम्पोनेंट्स को टेस्ट किया जाता है, क्योंकि इसमें प्रोटोटाइप प्रत्येक चक्र में अलग test किए जाते हैं जिसके कारण RAD model में टेस्टिंग टाइम घट जाता है |
Advantage Of RAD Model In Hindi:-
- यह डेवलपमेंट(development) में लगने वाले समय(time) को कम कर देता है |
- कंपोनेंट को रिव्यूज किया जाता है |
- यह flexible होता है तथा इसमें कोई भी changes करना आसान है |
- इसे script में transfer करना बहुत आसान है क्योंकि इसमें हाई लेवल अब्स्ट्रक्शन (high level abstraction) तथा इंटरमीडिएट कोर्स का प्रयोग किया जाता है |
- इसमें डिफेक्ट(defect) बहुत ही कम होते हैं क्योंकि यह स्वभाव से ही prototype होता है |
- इसे कम व्यक्तियों के साथ कम समय में प्रोडक्टिविटी को बढ़ाया जा सकता है |
- यह कॉस्ट इफेक्टिव(cost effective) होता है |
- छोटे प्रोजेक्ट के लिए सूटेबल(suitable) है |
Disadvantage Of RAD Model In Hindi:-
- इसमें highly skill developer तथा डिजाइनर की आवश्यकता होती है |
- इसे manage करना बहुत मुश्किल होता है |
- यह लंबे समय तक चलने वाले तथा बड़े प्रोजेक्ट के लिए सही नहीं है |
- इसमें प्रत्येक फेस के डेवलपमेंट(development) के साथ क्लाइंट(quality) के फीडबैक(feedback) की जरूरत पड़ती है |
- ऑटोमेटिक कोड जेनरेशन(automated code generation) बहुत महंगा होता है|
- यह मॉडल component based तथा scalable सिस्टम के लिए उपर्युक्त है |
Final Word
दोस्तों इस पोस्ट को पूरा पढने के बाद आप तो ये समझ गये होंगे की RAD Model In Hindi क्या हैं और आपको जरुर पसंद आई होगी , मैं हमेशा यही कोशिश करता हु की आपको सरल भाषा में समझा सकू , शायद आप इसे समझ गये होंगे इस पोस्ट में मैंने सभी Topics को Cover किया हूँ ताकि आपको किसी और पोस्ट को पढने की जरूरत ना हो , यदि इस पोस्ट से आपकी हेल्प हुई होगी तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं|
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