Solution For The Problems Of Small Scale Industries In Hindi– हेल्लो Engineers कैसे हो , उम्मीद है आप ठीक होगे और पढाई तो चंगा होगा आज जो शेयर करने वाले वो Entrepreneurship के Solution For The Problems Of Small Scale Industries In Hindi के बारे में हैं तो यदि आप जानना चाहते हैं की ये क्या हैं तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ सकते हैं , और अगर समझ आ जाये तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं |
Solution For The Problems Of Small Scale Industries In Hindi
- The Problems Of Small Scale Industries In Hindi
- Factories Act Relating To Small Scale Industries In Hindi
Solution For The Problems Of Small Scale Industries In Hindi
हमारे देश की औद्योगिक व्यवस्था एवं राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में लघु उद्योगों बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है । अतः लघु उद्योगों के उचित संचालन एवं इनसे लाभदायक प्राप्त करने हेतु इनकी समस्याओं का निराकरण करना आवश्यक है । इस हेतु निम्नलि सुझाव सहायक हो सकते हैं –
Effective Planning–प्रभावी नियोजन
- लघु उद्योगों की प्रगति , कार्यशैली तथा वर्तमान तमा सम्बंध में एक व्यापक सर्वेक्षण किया जाये तथा इनके लिये उत्पादक कार्यक्रम तैयारी जायें । इनकी कार्य प्रणाली एक तर्कसंगत नियोजन के आधार पर तय की जाये ।
- लघु उपक्रमों के लिये एक विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन अति आवश्यक है । व्यवस्थित नियोजन के अभा में लघ उद्योग , अविवेकपूर्ण निर्णयों , अनुचित कार्यस्थल , असमन्वित कार्यो , अनुभवहीन पराम सेवाओं , लागतों के गलत मूल्याँकन अप्रचलित संरचना एवं गुणवता आदि के कारण विपरीत रूप से प्रभावित हो सकते हैं ।
- अतः लघु उद्योगों के अस्तित्व एवं प्रतियोगीशीलता हेत एका प्रभावी कार्य योजना का बनाया जाना आवश्यक है ।
Improvement In Production Process And Technology–उत्पादन प्रक्रिया एवं तकनीकी में सुधार
- लघु उद्योगों को नवीनतम तकनीकी अपनाकर अपनी उत्पादन तकनीकी का आधुनिकीकरण करना चाहिये । इस सम्बंध में सरकारी परामर्शदात्री संस्थाओं एवं प्रयोगशालाओं में मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सकता है । उन्हें उत्पाद एवं गुणवता अनुसंधान के आधार पर उत्पादन करना चाहिये ।
- उन्हें उत्पादन की संरचना बनावट , उत्पाद स्वरूप , अस्त्र तथा प्रक्रियाओं का नवीनीकरण करना चाहिये । अपने व्यवसाय में उन्हें नवीनतम तकनीकों का प्रयोग करना चाहिये ।
Training And Development Program–प्रशिक्षण एवं विकास कार्यक्रम
- लघु उद्योगों द्वारा अपने श्रमिकों / कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिये क्योंकि उत्तम गुणवत्ता , संरचना एवं उचित लागत श्रमिकों की कार्यकुशलता एवं ज्ञान पर ही निर्भर करती है ।
- प्रशिक्षण पर किया जाने वाला व्यय व्यर्थ नहीं होता बल्कि यह एक विनियोग होता है । लघु उद्योगों को अपने श्रमिकों की कार्यकशलता एवं विशिष्टता की ओर विशेष ध्यान देना चाहिये ।
- इस बदलते हए औद्योगिक परिवेश में नवीन ज्ञान एवं कौशल अति आवश्यक है । इससे लघु उद्योग अपनी मध्यम तथा वहत इकाइया । प्रतियोगिता करने में सक्षमता प्राप्त कर सकेंगे ।
Provision For Basic Facilities–मौलिक सुविधाओं हेतु प्रावधान
- लघु उद्योगों को अपनी उत्पादकता में सुधार लाने हेतु मूलभूत सुविधाओं के सशक्त आधार की आवश्यकता है । उन्हें वित्त बिजली , पान परिवहन , संचार , तकनीकी परामर्श , अनुसंधान . गुणवत्ता परिक्षण तथा विभिन्न सहाय व्यवस्थाओं की सुविधा प्राप्त होनी चाहिये ।
- ये समस्त सुविधाएँ प्रदान करने हेतु सरकार । वृहत् औद्योगिक बस्तियों तथा व्यावसायिक भवनों का निर्माण करवाया जाना चाहिय उद्योगों को औघोगिक क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर स्थान दिया जाना चाहिया ।
Regular Supply Of Raw Materials–कच्चे माल की नियमित आपूति
- राष्ट्रीय लप उद्योग निगम सीडो ( SIDO ) तथा अन्य सहायक एजेन्सियों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि लप उद्योगों को कमाल नियमित रूप से होती रहे ।
- जाली उपक्रमों की खोज की जानी चाहिये तथा उनमें सविधाओं से वंचित कर देना चाहिये । सरकार को अनुपलबा कच्चे माल का आयात कर इसे लघु उद्योगों को उचित दरों पर प्रदान करना चाहिये ।
Proper Credit Arrangement–साख की उचित व्यवस्था
- लघु उद्योग साख हेत पारम्परिक सोतों पर निर्भर का इनके विस्तार हेतु वैकल्पिक साधन जैसे विकास वित्त जोखिम पंजी ( venture capital ) आदि उपलब्ध कराये जाने चाहिये ।
- लघु उद्योग प्रायः अपनी स्वयं की जी पर निर्भर रहते हैजो कि इनके क्रियान्वयन एवं नवीन परियोजनाओं हेतु अपर्याप्त होती है । सरकार एवं वित्तीय संस्थाओ द्वारा लघु उद्योगों को कम व्याज की दर पर वित्त उपलब्ध कराया जाना चाहिये ।
Effective Marketing Systems–प्रभावी विपणन व्यवस्थाएँ
- लघु उद्योगों को अपनी विपणन प्रणाली में भी सुधार लाना चाहिये उन्हें अपना ध्यान नये ग्राण्ड , रुपांकन , उत्पाद की उत्तम गुणवत्ता एवं बाजार के विस्तार पर केन्द्रित करना चाहिये ।
- उन्हें गुणवत्ता विकास कार्यक्रम आरम्भ करना चाहिये । अपने उत्पादों के विज्ञापन हेतु उन्हें संवर्धन प्रयासों को अपनाना चाहिये । उन्हें नये बाजारों के सृजन एवं ब्राण्ड पहचान ( brand identity ) की ओर भी ध्यान देना चाहिये । उन्हें एक पूर्ण विपणन रणनीति की रचना करनी चाहिये ।
- लघु उद्योगों के लिये नवीन वितरण प्रणालिकाओं ( channels ) की स्थापना की जानी चाहिये । इन्हें कम दरों पर उचित परिवहन भण्डारण एवं गोदामों की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिये ।
Provision Of Latest Machines And Equipment–नवीनतम मशीनों एवं उपकरणों का प्रावधान
- विभिन्न सरकारी संस्थाओं द्वारा लघु उद्योगों को नवीनतम मशीने , उपकरण तथा औजार उपलब्ध कराये जाने चाहिये ।
Other Measures–अन्य उपाय
उपरोक्त के अतिरिक्त निम्नलिखित उपाय भी उपयोगी हो सकते हैं :-
- Small industry की समस्याओं के निराकरण हेतु लघु उद्योग संघों को कार्य करनी चाहिये ।
- राष्ट्रीय कार्यशालाओं एवं सम्मेलनों में लघु industries की समस्याओं पर चर्चा की जानी चाहिये ।
- इनके लिये अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं का सृजन किया जाना चाहिये । New technical सहायता संस्थानों को लघु इकाई की प्रतियोगी क्षमता के विकास के बारे में विचार करना चाहिये ।
- समूह संघों की सहायता से Government खरीद कार्यक्रमों का विस्तार किया जाना चाहिये ।
- लघु उद्योगों के उत्पाद एवं सेवाओं के विपणन का संवर्धन फेन्चाइजिंग सविधा को विस्तृत रूप से अपनाकर किया जा सकता है ।
- लघु उद्योगों के लिये Information services तथा database उद्योग का निर्माण किया जाना चाहिये ।
- सरकार द्वारा नियमित रूप से Legal aid and counseling services उपलब्ध कराई जानी चाहिये ।
Final Word
दोस्तों इस पोस्ट को पूरा पढने के बाद आप तो ये समझ गये होंगे की Solution For The Problems Of Small Scale Industries In Hindi और आपको जरुर पसंद आई होगी , मैं हमेशा यही कोशिश करता हूँ की आपको सरल भाषा में समझा सकू , शायद आप इसे समझ गये होंगे इस पोस्ट में मैंने सभी Topics को Cover किया हूँ ताकि आपको किसी और पोस्ट को पढने की जरूरत ना हो , यदि इस पोस्ट से आपकी हेल्प हुई होगी तो अपने दोस्तों से शेयर कर सकते हैं |