Noise Pollution In Hindi
Noise Pollution In Hindi – हेल्लो दोस्तों आज की इस पोस्ट में मैं आप सबसे Easy Essay On Noise Pollution In Hindi शेयर करने वाला हूँ , इस पोस्ट में मैंने आप सबसे बहुत ही अच्छा सब्दो में शेयर किया हूँ यदि आप Noise Pollution In Hindi के बारे में जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को पढ़ सकते हैं
Noise Pollution In Hindi
इसे शोर प्रदूषण भी कहते हैं । अवांछित ध्वनि ( unwanted sound ) को शोर कहते हैं । आजकल वैज्ञानिक प्रगति के कारण मोटर – गाड़ियों , स्वचालित वाहनों , लाउडस्पीकर ट्रैक्टरों , कल – कारखानों एवं मशीनों का उपयोग काफी अधिक होने लगा है ।
ये सभी उपकरण एवं मशीनें काफी आवाज ( शोर ) उत्पन्न करती हैं । मनुष्य की श्रवण क्षमता 801 डेसीबल होती है ।
शोर की तीव्रता ( Intensity of Noise )
शोर की तीव्रता का मापन डेसीबल की इकाई में किया जाता है । ( 1 डेसीबल = 1 / 10 बेल ) । शोर ध्वनि का वह रूप होता है जिसे हम सहन नहीं कर पाते हैं । मनुष्य 0 डेसीबल तीव्रता की आवाज को सुनने में सक्षम होता है ।
25 डेसीबल पर शान्ति का वातावरण होता है । 80 डेसीबल से अधिक शोर होने पर मनुष्य में अस्वस्थता आती है तथा बेचैनी होने लगती है तथा 130 – 140 डेसीबल का शोर अत्यन्त पीड़ादायक होता है ।
इससे अधिक शोर होने पर मनुष्य में बहरा हो जाने का खतरा होता है । । ध्वनि प्रदूषण के कारण व्यक्ति अनिद्रा , सिरदर्द , थकान , हृदय रोग , रक्तचाप आदि का । शिकार हो जाता है । किसी व्यक्ति के लगातार 8 घण्टे तक 80 – 90 डेसीबल की ध्वनि में रहने । पर उसमें बहरापन शुरू हो जाता है ।
Sources of Noise Pollution In Hindi ( ध्वनि प्रदूषण के स्रोत )
ध्वनि प्रदूषण के स्रोतों के अन्तर्गत वे समस्त उपकरण एवं मशीनें आती हैं जो अवांछित ध्वनि उत्पन्न करती हैं । ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न करने वाले प्रमुख स्रोत निम्नानुसार-
- सभी स्वचालित वाहन ; जैसे — बस , ट्रक , स्कूटर , मोटर साइकिल , ट्रेन ।
- स्वचालित कारखाने ; जैसे कपड़ा , इस्पात , स्कूटर , मोटर – कार बनाने वाले कारखाने , सीमेण्ट कारखाने आदि । इनके कारण इन कारखानों में कार्य करने वाले कर्मचारी ध्वनि प्रदूषण के शिकार हो जाते हैं ।
- वायुयान , रॉकेट , हेलीकॉप्टर , हवाई जहाज , जेट विमान आदि । इनकी उड़ान के । समय अत्यधिक ध्वनि उत्पन्न होती है जिससे जन – जीवन ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव में आ जाता है ।
- एटमबमों , डायनामाइटों , आतिशबाजी , पटाखे , बन्दूकों के चलने तथा युद्ध के दौरान हुए विस्फोटों से भी ध्वनि प्रदूषण होता है ।
- लाउडस्पीकर , टेलीविजन , अन्य ध्वनि विस्तारक यन्त्र भी ध्वनि प्रदूषण के महत्वपूर्ण स्रोत हैं ।
- स्वचालित वाहनों में विभिन्न प्रकार के हॉर्न ।
- आटा चक्की , कूलर , एक्जास्ट पंखे , मिक्सी , ग्राइन्डर आदि ।
Effect of Noise Pollution In Hindi (ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव )
ध्वनि प्रदूषण के कारण हमारे शरीर पर निम्नलिखित प्रभाव दिखाई देते हैं
- लगातार शोर के कारण हमारी श्रवण क्षमता कम होती जाती है तथा सिर में लगातार दर्द होने लगता है , थकान आने लगती है तथा व्यक्ति अनिद्रा आदि रोगों से ग्रसित हो जाता है ।
- सतत् शोर के कारण सुनने की क्षमता में कमी के साथ – साथ बहरापन होने का सम्भावना होती है ।
- 90 डेसीबल से अधिक शोर होने पर त्वचा में उत्तेजना होती है , जठर पेशिया किचित होने लगती हैं तथा मनुष्य के स्वभाव में उत्तेजना , चिड़चिड़ापन तथा आक्रोश उत्पन्न हो जाता है ।
- व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है ।
- शोर प्रदूषण के कारण उपापचयी प्रक्रियाएँ प्रभावित होती हैं , संवेदी एवं तन्त्रिका तन्त्र कमजोर हो जाता है ।
- मस्तिष्क तनावग्रस्त रहता है ।
- ध्वनि प्रदूषण के कारण हृदय की धड़कन ( Heart beating ) एवं रक्तदाब ( Blood pressure ) बढ़ जाता है ।
- अत्यधिक शोर के कारण एड्रीनल हॉर्मोन ( Adrenal hormone ) का साव भी बढ़ जाता है ।
- ज्यादा शोर के कारण पाचन तन्त्र भी प्रभावित होता है , पाचन क्रिया अनियमित हो जाती है तथा अल्सर की सम्भावना हो जाती है ।
- अत्यधिक तेज ध्वनि से मकानों में दरारें आने की सम्भावना रहती है ।
- धमनियों में कोलेस्ट्रॉल का जमाव होने लगता है जिसके कारण रक्तदाब बढ़ जाता है ।
- जनन क्षमता कम हो जाती है ।
Controlling of Noise Pollution In Hindi ( ध्वनि प्रदूषण का नियन्त्रण )
ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए:-
- लोगों को ध्वनि प्रदूषण के प्रभावों से अवगत कराकर उन्हें जागरूक बनाना चाहिए ।
- कम शोर करने वाले उपकरणों एवं मशीनों का निर्माण एवं उपयोग किये जाने पर ध्यान देना चाहिए ।
- अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाली मशीनों को ध्वनिरोधी कमरों में लगाना चाहिए तथा वहाँ पर कार्यरत कर्मचारियों को ध्वनि अवशोषक वस्त्रों एवं कर्णबन्दकों का उपयोग करना चाहिए ।
- कारखानों एवं औद्योगिक इकाइयों में ध्वनि अवशोषक दीवारों का निर्माण करना चाहिए ।
- उद्योगों एवं कल – कारखानों को शहरों एवं आबादी से दूर स्थापित करना चाहिए ।
- अत्यधिक शोर करने वाले वाहनों एवं उपकरणों , ध्वनि विस्तारक यन्त्रों पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए ।
- वाहनों में लगे हॉों को तेज बजाने से रोका जाये तथा प्रेसर हॉर्न का उपयोग बन्द कर देना चाहिए ।
- शहरों , औद्योगिक इकाइयों एवं सड़कों के किनारे वृक्षारोपण करना चाहिए । ये पौधे भी ध्वनि शोषक का कार्य करके ध्वनि प्रदूषण को कम करते हैं ।
- मशीनों का रख – रखाव सही ढंग से करना चाहिए ।
Conclusion Of Noise Pollution In Hindi
Noise Pollution In Hindi – दोस्तों उम्मीद हैं इस पोस्ट को पढने के बाद आप समझ गये होंगे की Air Pollution Hindi में क्या होता हैं मैंने इस पोस्ट में Easy Essay On Noise Pollution In Hindiशेयर किया हैं , यदि आपको समझ आ गया होगा तो अपने दोस्तों से जरुर शेयर कीजियेगा..